Kavita Jha

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छंद गीत #हिंदी दिवस प्रतियोगिता लेखनी -18-Sep-2022

अपनी हिंदी (छंद मुक्त कविता)

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हम हैं हिन्दुस्तान के वासी
जिस देश में है गंगा बहती
हम हैं उस देश के निवासी
यह बात कविता गर्व से कहती

हिंदी भाषी हैं हम
विश्व में किसी से कम नहीं हैं हम

मईया के आंचल ही
अमवा की छईया सी
कितनी मधुर है लगती
जैसे कानों में मिश्री घोलती

मां की ममता भरी लोरी जैसी
ऐसी है मीठी अपनी भाषा हिन्दी

हिंदी तो है अपनी मईया
तो बोलो प्यारी बहना और प्यारे भईया
अपनी मां तो लगती है सबको ही प्यारी
फिर हिंदी क्यों लगती बेचारी

क्यों देखे कोई हीन दृष्टि से उनको
जो समझ न पाते अंग्रेजी

है हीन दीन तो वो ही
जो भारत में रहकर भी
अपनी राष्ट्रभाषा समझ न पाते
और बड़े शान से कहते.. आई डोंट नो हिंदी

अपनी पहचान न भूलें ,भले सीखें चाहे कोई भी भाषा
पर इतनी सी है अभिलाषा, मान न हो हिन्दी का कम कभी

न कभी भूले अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी
संग भारतीय संस्कार और संस्कृति
शर्म कभी न आए, जो हम अंग्रेज़ी बोल न पाए
अपनी हिंदी में आत्मविश्वास संग बोले, लिखें और पढ़ें

***

कविता झा'काव्या कवि'
सर्वाधिकार सुरक्षित

# लेखनी हिंदी दिवस प्रतियोगिता 


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8 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन

Reply

Kavita Jha

25-Sep-2022 07:10 PM

आभार आदरणीय 🙏

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Pratikhya Priyadarshini

22-Sep-2022 12:14 PM

Achha likha hai 💐

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नंदिता राय

20-Sep-2022 09:36 PM

बहुत खूब

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